* किसी इमरजेंसी सिचुऐसन में फोन अवधि करने पर फोन पर विज्ञापन सुनने से ज्यादा बात होना कितना जरुरी है देखें * -
1. एक बैठी लड़की अपराधियों के चंगुल में फंसी उसे 5 सेकण्ड का जब मिला फोन करने का, लेकिन वो फोन नहीं कर पाया वो सिर्फ विज्ञापन ही सुन पाए!
2. कोई भी व्यक्ति आपकी पहचान वाला बाइक से अपने परिवार को साथ कहीं जा रहा है, और आपकी नजर पड़ जाती है कि पीछे बैठी महिल का दुपट्टा बाइक के पहिये में फंसने ही वाला है, आपने आगाह करने के लिए फोन किया, लेकिन फोन पर विज्ञापन केवल बजता रहा, और जब फोन लगा तब तक देर हो गई !!
2. एक अपराधी किसी के घर के सदस्यों को घायल करके बच्चे का अपहरण करके भाग रहा है, पड़ोसी ने मदद के लिए फोन किया, फोन नहीं लगाया, फोन पर विज्ञापन ही चलता रहा, इसलिए में अपराधी फरार हो गया !!
3। एक डंपर का पीछे का डाला अपने आप उठने लगा, पीछे पीछे गाड़ी मालिक था, बॉस ने ड्राइवर को फोन किया फोन नहीं लगाया, विज्ञापन ही चलता रहा, परिणाम ये हुआ कि डंपर का डाला पूरी तरह ऊपर उठ गया और हाई लाइन लाइन से टकरा गया है। और बड़ी दुर्घटना हो गई !!
ऐसे एक हजार सिचुऐसन हैं जब जीवन बचाने के लिए जो विज्ञापन किया जा रहा है वह कैंसे जानलेवा साबित हो रहा है !!
आपको उचित लगे तो "फ़ोन काल" से पहले के विज्ञापन हॉल्टन के लिए मोहिम को व्यापक बनायें। !!!